हम आम आदमी हैं, पिसते आये हैं.
लेकिन ये कब तक चलेगा?
हम आम आदमी हैं, लुटते आये हैं.
लेकन ये कब तक चलेगा?
हम आम आदमी हैं, भ्रष्ट नेताओं ने हमारा खून चूसा है.
हम कब तक अपना खून चुसवाएंगे?
ये तो भ्रष्ट नेता है, इनका पेट कभी नहीं भरता है!
ये तो आम जनता का खून चूसते आये है, और चूसते रहेंगे.
जनता को बेवक़ूफ़ बना ये सत्ता में आते हैं.
कुर्सी पाने के बाद जनता को भूल जाते हैं.
हम आम जनता है, सब हमारे हाथ में है.
इस बार इन पापियों को सबक सिखाना है.
ईमानदार व्यक्ति को ही अपना मत देना है.
आम आदमी की ताकत का एहसास इन देश द्रोहियों को दिलाना है.
इस बार के चुनाव में इनको नाकों चने चबवाना है.
साभार
निशांत "अकेला"
लेकिन ये कब तक चलेगा?
हम आम आदमी हैं, लुटते आये हैं.
लेकन ये कब तक चलेगा?
हम आम आदमी हैं, भ्रष्ट नेताओं ने हमारा खून चूसा है.
हम कब तक अपना खून चुसवाएंगे?
ये तो भ्रष्ट नेता है, इनका पेट कभी नहीं भरता है!
ये तो आम जनता का खून चूसते आये है, और चूसते रहेंगे.
जनता को बेवक़ूफ़ बना ये सत्ता में आते हैं.
कुर्सी पाने के बाद जनता को भूल जाते हैं.
हम आम जनता है, सब हमारे हाथ में है.
इस बार इन पापियों को सबक सिखाना है.
ईमानदार व्यक्ति को ही अपना मत देना है.
आम आदमी की ताकत का एहसास इन देश द्रोहियों को दिलाना है.
इस बार के चुनाव में इनको नाकों चने चबवाना है.
साभार
निशांत "अकेला"
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