जीवन के पहलु अनेक
अदभुद एवं विस्मयकारी
समझ सका ना कोई इसको
किये परंतु जतन अनेक।
एक समय लगता सब स्थिर
दूजे पल होता गतिमान
ये जीवन का कड़ा नियम है
न समझ सका हर इंसान।
मिली सफलता, आया अभिमान
मिली हार, आया रोना
हुआ सफल उसका जीवन
जो सत्य झूठ से परे हुआ।
©निशान्त पन्त
अदभुद एवं विस्मयकारी
समझ सका ना कोई इसको
किये परंतु जतन अनेक।
एक समय लगता सब स्थिर
दूजे पल होता गतिमान
ये जीवन का कड़ा नियम है
न समझ सका हर इंसान।
मिली सफलता, आया अभिमान
मिली हार, आया रोना
हुआ सफल उसका जीवन
जो सत्य झूठ से परे हुआ।
©निशान्त पन्त
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