प्यारे दोस्तों, ज्यादातर मैं शायरी नहीं लिखता हूँ लेकिन प्रयास मात्र कर लेता हूँ।
संभवत: सभी को पसंद आएगी।
हाथ में जाम, जाम में बर्फ
बर्फ में चेहरा दिलबर का
दिखाई देता है।
लबों पर आ जाती है मुस्कान, जब कोई कमबख्त हमको
शराबी कहता है।
संभवत: सभी को पसंद आएगी।
हाथ में जाम, जाम में बर्फ
बर्फ में चेहरा दिलबर का
दिखाई देता है।
लबों पर आ जाती है मुस्कान, जब कोई कमबख्त हमको
शराबी कहता है।
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© निशान्त पन्त
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