Monday, August 5, 2013

वायु प्रदूषण और मौसम का बदलता अंदाज़

जैसे-जैसे वायु प्रदूषण  बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे मौसम भी अपना मिजाज बदल रहा है। गर्मी पड़ रही है तो इतनी पड़ रही  है कि  सालों पुराने रिकॉर्ड तोड़ती जा रही है ठीक ऐसा ही सर्दी के मामले मैं भी है।  इसलिए दोस्तों हमको वायु प्रदूषण को किसी भी हालत मैं रोकना है।

जितनी तेज़ी से ये प्रदूषण बढ़ रहा है मुझे तो लगता है की सांस लेने के लिए शुद्ध वायु मिलनी भी बहुत मुश्किल हो जाएगी। प्रदूषण को समाप्त तो नहीं किया जा सकता परन्तु इसकी रोकथाम की जा सकती है। इसके लिए हमको वृक्षारोपण करना पड़ेगा और ग्रीन हाउस गैसों का उत्पादन भी कम करना होगा। हमको चाहिए कि हम निजी वाहनों की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें।

दोस्तों सब कुछ हमारे हाथों मैं ही है, चाहे तो बना दें, चाहे तो बिगाड़ दें।

दोस्तों हमको अपने जीवन का अंदाज़ बदलना होगा, नहीं तो अगर मौसम ने अपना अंदाज़ बदल लिया तो हमारा जीना दुर्भर हो जायेगा।

निशान्त पन्त