Sunday, December 4, 2016

जय हो हिन्द की सेना

रक्तरंजित हो चला है,
धरती का यह स्वर्ग।
पाकिओं की साजिश है,
जिनका होगा बेड़ा गर्क।
सेना हरदम तैयार है,
खोदने को इनकी कब्र।

देश नहीं झुकने देंगे,
जब तक अंतिम सांस है।
यही देश के सैनिक से,
जन-जन की आस है।

चाहे कितना षडयंत्र रचा ले,
ये पाक परस्ती भिखमंगे।
पर देश के हर सैनिक के आगे,
ये अपनी जान की भीख मांगे।

देश का सैनिक देश के खातिर,
जब भी हथियार उठाता है।
उसका एक एक वार,
दुश्मन का सीना छलनी करता है।

जय हो हिन्द की सेना,
जो देश की रक्षा करती है।
देश की खातिर जो,
जीवन का बलिदान करती है।"

-© निशान्त पन्त "निशु"