Sunday, September 13, 2015

हिंदी - राष्ट्र भाषा

देश का मान है हिंदी।
देश का सम्मान है हिंदी।
देश की शान है हिंदी।
देश की पहचान है हिंदी।

हर दिल की जान है हिंदी।
शब्दों की पहचान है हिंदी।
विचारों का प्रवाह है हिंदी।
लबों पर मुस्कान है हिंदी।

'भारतेंदु' की सोच है हिंदी।
'प्रेमचंद' की कल्पना है हिंदी।
'निराला' की कविता है हिंदी।
'पंत' की भावना है हिंदी।

देश की शान है हिंदी।
देश की पहचान है हिंदी।
भारत माँ का मुकुट है हिंदी।
भारत माँ के माथे की बिंदी है हिंदी।


-- © निशान्त पन्त "निशु"

Friday, September 4, 2015

बस यूँ ही!

बस यूँ ही थोडा बहुत लिखा करते हैं।
हाल ए दिल बयां किया करते हैं।

हाल-ए-दिल बयां करना भी जरुरी हैं।
इस जीवन को चलाने के लिये, लिखना भी जरुरी हैं।

अगर न लिखें तो जीवन अधूरा लगता है।
लिखें तो जैसे कोई सपना पूरा लगता है।

सपने न देखो तो आगे न बढ़ पाओगे।
जिंदगी की दौड़ में पीछे छूट जाओगे।

बस यूँ ही थोडा बहुत लिखा करते हैं।
हाल ए दिल बयां किया करते हैं।

- © निशान्त पन्त

प्रेम!

प्रेम!

प्रेम क्या है?
एक एहसास है।
मन का विश्वास है।
पाक और साफ़ है।
ह्रदय में जगी एक आस है।
प्रेम एक चिंगारी है
जो दिल में दबी रहती है
और जीने की चाह बढ़ाती है।

-- © निशान्त पन्त "निशु"

Wednesday, September 2, 2015

जल ही जीवन है।

जल ही जीवन है।

छम-छम छम-छम करके देखो
कैसे बारिश होती है।
टप-टप टप-टप करके देखो
कैसे बारिश होती है।

घोर अँधेरे मेघों को देखो
कैसे नभ में छा जाते हैं।
कैसे छुप कर इन बदरा में
सूर्यदेव इतराते हैं।

हो सवार इन काली घटा पर
इंद्रदेव मुसुकाते हैं।
जल ही जीवन है
यह बात सब को बतलाते हैं।

--
© निशान्त पन्त "निशु"