Sunday, March 12, 2017

#उत्तराखंड_देवभूमि_चुनाव_नतीजे_२०१७ पर मेरा व्यंग्य बाण

चले बाघ, बकरी चराने
जिनकी थी सबको चाहत
देशवासियों उस युगपुरुष को
सब कहते थे हरीश रावत।

बेकार हुआ सब दावँ पेच,
जब जनता ने मतदान किया।
नतीजा जब निकला चुनाव का,
सबका घमंड, छिन्न-भिन्न हुआ।

दावँ पेच के बड़े खिलाड़ी,
थे जोड़ तोड़ के बाहुबली।
जनता ने जब दम्भ भरा,
चहुँओर मच गयी खलबली।

जन-जन के हित रखे ताक पर,
न दिया कभी किसी को सम्मान।
जनता ने जब मतदान किया,
तब टूट गया सबका अभिमान।


-निशान्त पन्त 'निशु'

#यूपी_चुनाव_२०१७_रिजल्ट पर मेरा एक व्यंग्य बाण....

आओ टीपू हरिद्वार,
ओढ़ लो सन्यासी चोला।
अब न सहेंगे समाजवादी अत्याचार,
यूपी का हर इंसां बोला।

काम बोलता था सपा का,
होते थे दुराचार और अत्याचार।
जब आया मौसम वोटों का,
जनता ने चलाया वोट बाण।

माया की बेटी हैं माया,
माया से इनको प्रेम है।
जनता ने सबक सिखलाया,
दे भाजपा को वोटों की भेंट सप्रेम है।

केसरिया रंग से रंगा,
आज हमारा यूपी है।
हाथ भी हो गया केसरिया,
हो गयी सबकी ऐसी-तैसी है।

-निशान्त पन्त "निशु"