Saturday, January 24, 2015

जीवन के पहलु

जीवन के पहलु अनेक
अदभुद एवं विस्मयकारी
समझ सका ना कोई इसको
किये परंतु जतन अनेक।


एक समय लगता सब स्थिर
दूजे पल होता गतिमान
ये जीवन का कड़ा नियम है
न समझ सका हर इंसान।


मिली सफलता, आया अभिमान
मिली हार, आया रोना
हुआ सफल उसका जीवन
जो सत्य झूठ से परे हुआ।


©निशान्त पन्त

Thursday, January 22, 2015

रास्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति भारतीय मीडिया का गलत रवैया

आरएसएस एक देश भक्त संगठन है। इसके ऊपर ऊँगली उठाने वालों को पहले आरएसएस के बारे में ठीक से जानकारी जुटानी चाहिये तत्पश्चात किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिये।

नमस्ते सदा वत्सले मातृ भूमि

मैंने खुद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बंधित विद्यालय में अरुण (एलकेजी) कक्षा से अष्टम (आठवीं) कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है एवं संघ की शाखाएं भी देखी हैं परन्तु मैंने ऐसा कभी भी नहीं पाया कि संघ किसी संदिग्ध गतिविधि में संलिप्त था। हमेशा से विद्यालयों में सर्व धर्म सम्मान का पाठ पढ़ाया जाता था। आचार्य (शिक्षक) जी ने हमेशा सभी धार्मिक पुस्तकों को एक ज्ञान देने वाली बताया। संघ की शाखाएं व्यक्ति को स्वावलंबी एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने का ज्ञान देती हैं।

बात रही की संघ धार्मिक उन्माद फैलता है तो उसका जवाब मैं अपने शब्दों में देना चाहूँगा कि सभी धर्मों का सम्मान करो, सभी लोगों को सम्मान दो परन्तु एक बात का सदैव ध्यान रखो कि अपने धर्म की हानि न होने पाए।

आजकल धर्मपरिवर्तन को लेकर भारतीय मीडिया बहुत ज्यादा सक्रिय हो गयी है। मैं मीडिया से यह कहना चाहूँगा की यही मीडिया तब कहाँ थी जब गरीब हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करवाया जा रहा था?

हिन्दू धर्म ही एक एसा धर्म है जिसने अपने प्रसार के लिए आजतक धर्म परिवर्तन का सहारा नहीं लिया। उदहारण ले लिए हरिद्वार, ऋषिकेश, इलाहाबाद जैसे शहरों में जा कर देखिये कैसे विदेशी लोग भी हिन्दू धर्म से आकर्षित होकर खुद चले आते हैं। क्या इसे भी मीडिया जबरन धर्म परिवर्तन कहेगी?

बड़े बड़े नेता सेकुलरिज्म का पाठ पढ़ाते नजर आ जाते है। अगर कोई भी किसी धर्म विशेष पर टिप्पणी कर दे तो वो धार्मिक उन्माद फ़ैलाने वाला घोषित कर दिया जाता है। ठीक उसके विपरीत कोई भी आकर हिन्दुओं के खिलाफ कुछ भी कह जाता है तो ये सेक्युलर नेता मूकदर्शक बने रह जाते हैं। मेरा भारतीय मीडिया से भी निवेदन है कि वो भी सभी धर्मों का सम्मान करे एवं अपनी टीआरप़ी बढ़ाने के लिए हिन्दू धर्म के लोगों की भावना के साथ खिलवाड़ न करे।


निशान्त पन्त