Saturday, October 29, 2016

वो सैनिक कहलाते हैं।

लेकर दीपक अपने हाथों में,
आज एक नया संकल्प करो।
सैनिक का सम्मान करोगे,
तुम यह दृढ़ निश्चय करो।

हमारी रक्षा करने हेतु,
जो जीवन दांव लगाते हैं।
मातृभूमि खातिर जो,
अपनी जान लुटाते हैं।
वो सैनिक कहलाते हैं,
वो सैनिक कहलाते हैं।

छोड़ के अपनी माँ का आँचल,
अपने गांव के प्यारे जंगल,
मातृभूमि की रक्षा हेतु,
जो सैनिक धर्म निभाते हैं,
वो सैनिक कहलाते हैं,
वो सैनिक कहलाते हैं।

खा कर रूखी-सूखी रोटी,
हिम खण्डों के बीच में रह कर।
कड़ी ठण्ड को सह कर भी,
जो तिरंगे को फहराते हैं।
वो सैनिक कहलाते हैं।
वो सैनिक कहलाते हैं।

सम्मान करोगे सेना का,
आज कसम यह खा लो तुम।
नहीं तो इस भारत भूमि की,
सच्ची सन्तान नहीं हो तुम।

-© निशान्त पन्त "निशु"