Sunday, November 3, 2019

खुद के लिए मुस्कुराओ

सुबह से शाम, शाम से सुबह
हर लम्हा गुजर तो जाएगा।
उम्र तो चलता पहिया है,
कभी थम तो जाएगा।

मुस्कुराओ हर डगर पर जीवन की,
पर पहले खुद के लिए मुस्कुराओ।

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© निशान्त पंत