Tuesday, January 22, 2013

आजकल जेब मैं पैसे नहीं रहते मेरे.

आजकल जेब मैं पैसे नहीं रहते मेरे.
बोलो कभी देखा है तुमने, मुझे पैसे खर्चते हुए?

जब भी डाला है जेब मैं हाथ, तो खाली पाया है.
नेता कहतें हैं कि, पैसा कहीं और छुपाया है!
हमने देखा है गरीबी को, बड़े करीब से.

सारा पैसा नेता की जेब मैं आया है.
गरीब के हाथ भला कभी कुछ आया है?
बदनसीबी भी जैसे, हमसफ़र बनी है.

नींद उड़ गयी है, पेट खाली है.
रात दिन आँखों मैं, अच्छा खाना है.
खाली पेट किसी को, मरते हुए कभी देखा है?

आजकल जेब मैं पैसे नहीं रहते मेरे.
बोलो कभी देखा है तुमने, मुझे पैसे खर्चते हुए?

साभार
©  निशान्त पन्त

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