याद आते है दोस्तों के साथ बिताये हुए वो पल.
जब न कोई टेंशन थी, न थी कोई उलझन.
वो साथ-साथ कॉलेज जाना, साथ-साथ पढाई करना.
वो दोस्तों के टिफ़िन से लंच करना, कैंटीन मैं चाय पीना.
वो दोस्तों के साथ-साथ क्लास बंक मारना.
वो दोस्तों के साथ मूवी देखने जाना.
देखते ही देखते हम सब पास-आउट हो गए.
सबकुछ अचानक से बदल गया, दोस्तों का साथ छूट गया.
हर किसी कि प्राथमिकता बदल गयी.
और दोस्ती एक फॉर्मेलिटी मैं बदल गयी.
अब कोई भी किसी के लिए समय नहीं निकाल पाता है.
दोस्तों के साथ बिताया हुआ हर पल मुझे याद आता है.
जब भी याद आते है वो पल, आँखें हो जाती हैं नम.
दोस्तों यही है जिंदगी, जहाँ होता है कभी ख़ुशी कभी गम.
याद आते है दोस्तों के साथ बिताये हुए वो पल.
जब न कोई टेंशन थी, न थी कोई उलझन.
साभार
© "निशान्त पन्त निशु"
जब न कोई टेंशन थी, न थी कोई उलझन.
वो साथ-साथ कॉलेज जाना, साथ-साथ पढाई करना.
वो दोस्तों के टिफ़िन से लंच करना, कैंटीन मैं चाय पीना.
वो दोस्तों के साथ-साथ क्लास बंक मारना.
वो दोस्तों के साथ मूवी देखने जाना.
देखते ही देखते हम सब पास-आउट हो गए.
सबकुछ अचानक से बदल गया, दोस्तों का साथ छूट गया.
हर किसी कि प्राथमिकता बदल गयी.
और दोस्ती एक फॉर्मेलिटी मैं बदल गयी.
अब कोई भी किसी के लिए समय नहीं निकाल पाता है.
दोस्तों के साथ बिताया हुआ हर पल मुझे याद आता है.
जब भी याद आते है वो पल, आँखें हो जाती हैं नम.
दोस्तों यही है जिंदगी, जहाँ होता है कभी ख़ुशी कभी गम.
याद आते है दोस्तों के साथ बिताये हुए वो पल.
जब न कोई टेंशन थी, न थी कोई उलझन.
साभार
© "निशान्त पन्त निशु"
Very nice....
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