Wednesday, February 11, 2015

सर्वश्रेष्ठ है मानव जीवन

जीवन चक्र यह दुनिया का, जो आया है वो जायेगा।
माटी की मूरत है इन्सान, एक दिन माटी में मिल जायेगा।
घर-मकान और ये धन-दौलत, सब पीछे ही रह जायेगा।

मत भागो तुम धन के पीछे, रिश्ते नातों का मान रखो।
माता-पिता की सेवा करने का, तुम मन में संकल्प रखो।

सर्वश्रेष्ठ है मानव जीवन, बड़े जतन से मिलता है।
सब कुछ हाथ में तेरे बन्दे, मौका न बार-बार मिलता है।

बोल न बोलें बुरे किसी से, सभी से मन में प्रेम रखें।
धन से मदद करें न चाहे, पर वचनों को मधुर रखें।

करो सभी कुछ इस जीवन में, पर इतना भी ध्यान रहे।
जब हो अंतिम घड़ियाँ जीवन की, मन में न कोई संताप रहे।

केवल धन-दौलत के पीछे, कभी न पूरा ध्यान रहे।
मृत्यु कड़वा सच है जीवन का, यह हमेशा संज्ञान रहे।

जीवन चक्र यह दुनिया का, जो आया है वो जायेगा।
माटी की मूरत है इन्सान, एक दिन माटी में मिल जायेगा।
घर-मकान और ये धन-दौलत, सब पीछे ही रह जायेगा।

© कवि "निशान्त पन्त"

4 comments:

  1. soo nice n heart touched.. i respect this talent n request to make some more lines to elect all indians at single path with love n helpful..

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  2. Really appreciable, great lines... :)

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