Wednesday, August 31, 2016

भोले बाबा

तू ही शून्य है, तू ही सत्य है
बाकि सब कुछ झूठ है।
भोले बाबा तेरे दरबार में,
ही सब कष्टों छूट है।

तू ही जीवन है, तू ही मृत्यु।
तू ही सबका पालनहार है।
जो भी भजता तेरा नाम,
पूरे होते उसके काम हैं।

पी कर हलाहल बाबा तुमने,
देव जनों के कष्ट हरे।
कर तांडव तुमने बाबा,
दुष्टों के भी प्राण हरे।

तुम ही आदि हो, तुम ही अंत हो।
तुम ही जीवन का आधार हो।
मेरे प्यारे भोले बाबा
तुम से ही ये सारा संसार है।

--© निशान्त पन्त "निशु"

निवेदन है कि मेरा नाम हटा कर कविता आगे प्रेषित न करें। ऐसा करने से लेखन की भावनायें आहत होती हैं।

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