Sunday, March 8, 2015

तस्वीर

तस्वीर तेरी देख कर,
दिन गुजरे याद आ जाते हैं।
प्यार के पल और मस्ती,
के फ़साने याद आ जाते हैं।

रहते थे तेरी जुल्फों घने साये में,
वो घने साये याद आ जाते हैं।
तस्वीर तेरी देख कर,
दिन गुजरे याद आ जाते हैं।

घूमते थे जब बाँहों में बाँह डाले हुए,
वो ख़ुशी के पल याद आ जाते हैं।
तस्वीर तेरी देख कर,
दिन गुजरे याद आ जाते हैं।

कंधे पर मेरे रख कर सर अपना,
जब तुम साथ चला करती थीं।
दिन वो सुहाने याद आते हैं।

रख कर मेरे सीने पर सर अपना,
जब तुम धडकनें महसूस करती थीं।
पल वो दीवाने याद आते हैं।

तस्वीर तेरी देख कर,
दिन गुजरे याद आ जाते हैं।
प्यार के पल और मस्ती,
के फ़साने याद आ जाते हैं।


--© निशान्त पन्त

No comments:

Post a Comment