Friday, September 4, 2015

बस यूँ ही!

बस यूँ ही थोडा बहुत लिखा करते हैं।
हाल ए दिल बयां किया करते हैं।

हाल-ए-दिल बयां करना भी जरुरी हैं।
इस जीवन को चलाने के लिये, लिखना भी जरुरी हैं।

अगर न लिखें तो जीवन अधूरा लगता है।
लिखें तो जैसे कोई सपना पूरा लगता है।

सपने न देखो तो आगे न बढ़ पाओगे।
जिंदगी की दौड़ में पीछे छूट जाओगे।

बस यूँ ही थोडा बहुत लिखा करते हैं।
हाल ए दिल बयां किया करते हैं।

- © निशान्त पन्त

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